गौमाता और भैंस में अंतर
गौमाता_व_भैंस_में_अंतर
देशी गाय माता का दूध ना मिले तो कुछ और पो
स्टिक सामान खिलायें पर भैंस का दूध-दही न तो खायें ना बच्चों/बड़ो को दें।
हमने बचपन में दादी और मां से एक दोहा सुना था...
गाय माता गोमती बाछडियो गणेश !
भैंसड़ी तो भूतनी, पाडड़ियो पगलेट !!
डेयरी ने सब प्रकार के दूध को मिक्स कर दिया जाता..
*दोनों में अंतर
1. भैंस अपने बच्चे से पीठ फेर कर बैठती है चाहे उसके बच्चे को कुत्ते खां जायें वह नही बचायेगी, जबकि गाय के बच्चे के पास अनजान आदमी तो क्या शेर भी आ जाये तो जान दे देगी परन्तु जीते जी बच्चे पर आंच नही आने देगी। इसीलिए उसके दूध में स्नेह का गुण भरपूर होता है।
2. भैंस के दो बेटे बड़े होकर यानि दो झोटे एक गांव में मिलकर नहीं रह सकते। आमना सामना होते ही एक दूसरे को मारेंगे, भाई भाई का दुश्मन ! परन्तु गाय के 10 साण्ड इकट्ठे रह सकते हैं, ये भाईचारे का प्रमाण है।
3. भैंस गन्दगी पसन्द है, कीचड़ में लथपथ रहेगी पर गाय अपने गोबर पर भी नहीं बैठेगी वह स्वच्छता प्रिय है।
4. भैंस को घर से 2 किमी दूर तालाब में छोड़कर आ जाओ वह घर नहीं आ सकती उसकी यादास्त जीरो है। गाय को घर से 5 किमी दूर छोड़ दो वह घर का रास्ता जानती है, आ जायेगी ! गाय के दूध में स्मृति तेज है।
5. दस भैंस बान्धकर 20 फुट दूर से उनके बच्चों को छोड़ दो, एक भी बच्चा अपनी मां को नही पहचान सकता जबकि गोशालाओं में दिन भर गाय व बच्चे अलग अलग शैड में रखते हैं, सायंकाल जब सबका मिलन होता है तो सभी बच्चे (हजारों की स॔ख्या में) अपनी अपनी मां को पहचान कर दूध पीते हैं, ये है गोदुग्ध की मेमरी।
6. जब भैंस का दूध निकालते हैं तो भैंस सारा दूध दे देती है परन्तु गाय थोड़ा सा दूध ऊपर चढ़ा लेती है, और जब उसके बच्चे को छोड़ेंगे तो उस चढाये दूध को उतार देती है ! ये गुण माँ के हैं जो भैंस मे नही हैं।
7. गली में बच्चे खेल रहे हों और भैंस भागती आ जाये तो बच्चों पर पैर अवश्य रखेगी लेकिन गाय आ जाये तो कभी भी बच्चों पर पैर नही रखेगी।
8. भैंस धूप और गर्मी सहन नहीं कर सकती जबकि गाय मई जून में भी धूप में बैठ सकती है।
9. भैंस का दूध तामसिक होता है जबकि गाय का सात्विक ! भैंस का दूध आलस्य भरा होता है, उसका बच्चा दिन भर ऐसे पड़ा रहेगा जैसेे अफीम या भांग खाकर पड़ा है, जब दूध निकालने का समय होगा तो मालिक उसे ठोकरें मारकर उठायेगा परन्तु गाय का बछड़ा इतना उछलेगा कि आप रस्सा खोल नही पायेंगे ठीक से।
जय गौमाता
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