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Sunday, 23 June 2013

माइक्रोवेव ओवन से होने वाली हानी


माइक्रोवेव ओवन
            माइक्रोवेव ओवन से  हमारे शरीर को होने वाली हानी के बारे में दोस्तों आज में आप को बताऊंगा गा
मानव शरीर कि प्रकृति विद्युत रासायनिक है । कोई भी शक्ति जो मनुष्य के विद्युत रासायनिक व्यवस्था को बाधित करता है वो शरीर के शरीरक्रिया व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा ।

सूक्ष्मतरंग चूल्हा, या माइक्रोवेव ओवन (60 to 90 GHz) एक रसोईघर उपकरण है जो कि खाना पकाने और खाने को गर्म करने के काम आता है। इस कार्य के लिये यह चूल्हा द्विविद्युतीय (dielectric) उष्मा का प्रयोग करता है। यह खाने के भीतर उपस्थित पानी और अन्य ध्रुवीय अणुओं को सूक्ष्मतरंग विकिरण का उपयोग करके गर्म करता है। मैग्नेट्रॉन इसका मुख्य अवयव है जो सूक्ष्मतरंगे पैदा करता है।

माइक्रोवेव ओवन का इतिहास :

माइक्रोवेव ओवन मूलतः नाजियों द्वारा अपने mobile support operations में उपयोग के लिए विकसित किया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद माइक्रोवेव ओवन पर जर्मनों द्वारा किया गया चिकित्सा अनुसंधान मित्र शक्ति के हात लगा। सोवियत संघ ने भी कुछ माइक्रोवेव ओवन निकाल लिया और उनके जैविक प्रभाव पर सबसे अधिक गहन शोध किया। और सोवियत संघ ने माइक्रोवेव ओवन की स्वास्थ्य के खतरों पर एक अंतरराष्ट्रीय (जैविक और पर्यावरण) चेतावनी जारी किया । अन्य पूर्वी यूरोपीय वैज्ञानिकों ने भी माइक्रोवेव विकिरण के हानिकारक प्रभावों की सूचना दी और इसके सख्त पर्यावरण सीमा निर्धारित किया। पर किसी अज्ञात कारणों से अमेरिका ने इसके हानिकारक प्रभावों के यूरोपीय रिपोर्टों को स्वीकार नहीं किया।

माइक्रोवेव ओवन के सूक्ष्मतरंग विकिरण भोजन को जेहरिला बना देता है
 
उसमे कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों का गठन होता है :

Sunday, 9 June 2013

पथरी का आयुर्वेदिक इलाज

पाथरी का आयुर्वेदिक इलाज

 


दोस्तों सबसे पाहेले में आप को ये बताना चाहता हु के पाथरी आयुर्वेद के हिसाब से होती किसे हे  क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे कैलशियम है लेकिन वो शरीर मे पच नहीं रहा है वो अलग बात हे| इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए|
जिसको भी शरीर मे पथरी है वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं )


पथरी का आयुर्वेदिक इलाज

खानबेद नाम का एक पौधा होता है ! उसे थरचट भी कुछ लोग बोलते है ! उसके त्तों को पानी मे उबाल कर काढ़ा बना ले ! मात्र 7 से 15 दिन मे पूरी थरी खत्म !! और कई बार तो इस से भी जल्दी खत्म हो जाती !!!

Tuesday, 4 June 2013

हमारी संस्कृत भाषा के बारे में सनातन सच..!!


संस्कृत



1. दवा के लिए सबसे उपयोगी भाषा अर्थात संस्कृत में बात करने से व्यक्ति... स्वस्थ और बीपी, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल आदि जैसे रोग से मुक्त हो जाएगा। संस्कृत में बात करने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश(Positive Charges) के साथ सक्रिय हो जाता है।संदर्भ: अमेरीकन हिन्दू यूनिवर्सिटी (शोध के बाद).
 
2. सबसे अच्छे प्रकार का कैलेंडर जो इस्तेमाल किया जा रहा है, हिंदू कैलेंडर है (जिसमें नया साल सौर प्रणाली के भूवैज्ञानिक परिवर्तन के साथ शुरू होता है) संदर्भ: जर्मन स्टेट यूनिवर्सिटी.

3. संस्कृत की सर्वाधिक शुद्धता के कारण यह कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में इस्तेमाल के लिए सबसे अच्छी भाषा हे  (फ़ोर्ब्स पत्रिका जुलाई 1987 की एक रिपोर्ट में)।

Saturday, 1 June 2013

सबसे पहले बैटरी महर्षि अगस्त ने बनाई थी

बैटरी


बैटरी सबसे पहले भारत मे बनी | बैटरी बनाने की जो विधि है जो आधुनिक विज्ञानं ने भी स्वीकार कर रखी है वो महर्षि अगस्त द्वारा दी गयी विधि है | महर्षि अगस्त ने सबसे पहले बैटरी बनाई थी और उसका विस्तार से वर्णन है अगस्त संहिता मे | पूरा बैटरी बनाने की विधि या तकनीक उन्होंने दिया है और कई लोगोने बनाके भी देखा है, और ये तकनीक हजारो वर्ष पहले की है |

माने जो सभ्यता बैटरी बनाना जानते हो वो विद्युत् के बारे मे भी जानते होंगे क्योंकि बैटरी येही करता है, कर्रेंट के फ्लो के लिए हि हम उसका उपयोग करते है| ये अलग बात है के वो डायरेक्ट कर्रेंट है और आज की दुनिया मे हम जो उपयोग करते है वो अल्टरनेटिव करेंट है; लेकिन डायरेक्ट कर्रेंट का सबसे पहले जानकारी दुनिया को हुई तो वो भारत मे महर्षि अगस्त को हि है |